वाराणसी के एक परिवार ने पेश की मिसाल निर्वहन किया सामाजिक दायित्व बोध |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लाक डाउन व सोसल डिस्टेंस का पालन करने तथा गरीबों की मदद करने कर वाराणसी के एक परिवार ने पेश की मिसाल निर्वहन किया सामाजिक दायित्व बोध |

वाराणसी के एक परिवार ने पेश की मिसाल, निर्वहन किया सामाजिक दायित्व बोध |
वाराणसी के ब्रिज एन्क्लेब कॉलोनी निवासी सत्येंद्र नारायण राय जिनकी 91 वर्ष की माता अंबिका देवी जी का निधन लाख डाउन के दौरान 4 अप्रैल को हो गया 16 अप्रैल को उनकी तेरहवीं है इस तेरहवीं के अवसर पर उनके परिवारजनों ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया कि हम लोग पिरामिड के नाम पर ब्रह्म भोज का आयोजन नहीं करेंगे तेरहवीं के निमित्त जो हम लोगों ने 2000 लोगों को भोजन कराने का संकल्प तय किया है वह रोटी बैंक वाराणसी के माध्यम से निराश्रित असहाय और दिव्यांग जनों को भोजन करायेगे परिवार जनों ने अपनी इच्छा से दिव्यांग बंधु डॉक्टर उत्तम ओझा को अवगत कराया ,रोटी बैंक के किशोर तिवारी ,रोशन पटेल को लेकर डॉक्टर उत्तम ओझा उनके घर पहुंचे , तत्पश्चात वहां पहुंचने को ही वार्तालाप के अनुसार मृतका के परिवार जनों ने 2000 लोगों के भोजन की सामग्री रोटी बैंक वाराणसी को सौंप दी ,और आग्रह किया कि इस भोजन का उपयोग गरीब ,निराश्रित, दिव्यांग, असहाय लोगों के लिए किया जाए दिव्यांग बंधु डॉक्टर उत्तम ओझा ने बताया कि इस प्रकार की स्वस्थ परंपरा से समाज में एक नई दिशा मिलेगी तथा लोगों को प्रेरणा मिलेगी कि वह समाज हित के बारे में भी चिंतन करें तथा असहाय गरीब व अन्य लोगों के बारे में भी कोई भी योजना बनाते समय अपने केंद्र में रखें |
रोटी बैंक वाराणसी के संचालक किशोर तिवारी ने बताया कि इनके द्वारा प्राप्त सामग्री का भोजन बनाकर वाराणसी जिले में रहने वाले गरीब असहाय निराश्रित लोगों को 2 दिन तक लगातार भोजन कराया जाएगा, उनके माता जी की स्मृति में ब्रिज एन्क्लेब क्लब निवासी सत्येंद्र राय ने अन्य प्रकार के दान को न देकर 1000 किलो राशन का वितरण भी गरीब परिवारों में किया उन्होंने धार्मिक कर्मकांड तो यथावत किए लेकिन धार्मिक कर्मकांड के नाम पर होने वाले इस तरह के अपव्यय को रोककर समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास इस परिवार ने किया है। जोगी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत अब आदर्श है, रोटी बैंक वाराणसी के सभी सदस्यों ने उनकी माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की लोगों से अपील भी की है कि वह इस प्रकार के आयोजनों के लिए आगे आए जो व्यर्थ के खर्च करते हैं वह गरीब असहाय दिव्यांग और जरूरतमंद लोगों के लिए खर्च करें इतना ही नहीं सत्येंद्र राय के परिवार ने बकायदा तेरहवी का कार्ड भी छपवाया जिस पर उन्होंने लिखा है कि लाक डाउन के चलते तेरहवी के ब्रह्म भोज के लिए मेरे घर आने की आवश्यकता नहीं है आप अपने घर से ही मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और जो तेरहवी का भोज है वह गरीब असहाय दिव्यांगों में वितरित कर दिया जाएगा यह लॉक डाउन को न तोड़ने का भी निर्णय है तथा प्रधानमंत्री के आवाहन पर सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने का भी एक अच्छा उदाहरण है |