सोमवती अमावस्या - जानिए इस दिन का महत्व | हिन्दू पर्व और त्यौहार | Somvati Amavasya 2020
Importance of Somvati Amavasya | Facts Hindu Dharm | सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म के अनुशार आज सोमवती अमावस्या आज है| इस अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित माना जाता है| यही वजह है कि अमावस्या के दिन लोग पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी पूजा करते है | इस बार अमावस्या पर ग्रहण भी है जो एक दुर्लभ संयोग बना रहा है।

Somvati Amavasya | Hindu Festival |
सोमवती अमावस्या को स्नान, दान और पूजा-पाठ से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या पितरों को तर्पण करने के लिए भी बहुत शुभ मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक पितृ दोष से पीड़ित होते हैं उनके घरों में मांगलिक कार्यों में बाधा आती है और कार्य होते होते अटक जाते हैं| यही वजह है कि अमावस्या के दिन लोग पितृ दोष से मुक्ति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं| इस बार अमावस्या पर ग्रहण भी है जो एक दुर्लभ संयोग बना रहा है। सोमवती अमावस्या को स्नान, दान और पूजा-पाठ से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या पर आज पितरों को तर्पण जरूर दें| पितरों को तर्पण देना से उनकी आत्मा को संतुष्टि मिलती है और आत्मा मुक्त हो जाती है| पितरों को तर्पण देते समय 'ॐ पितृभ्यो नमः' मंत्र का जाप करें|
सोमवती अमावस्या का महत्व और पूजा विध
हिन्दू पौराणिक कथाओं में पूजा-उपासना के लिए अमावस्या और पूर्णिमा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। कहते हैँ कि इस दिन पूजा करने से देवता आसानी से प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती। अमावस्या को सूर्योंदय होते ही पवित्र नदियों, तालबों व जलाशयों में स्नान करना चाहिए। गंगा जी न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर हर हर गंगे का उच्चारण करते हुए स्नान करें। इसके बाद देवालयों/मंदिरों में पूजा करें। गरीबों, साधुओं को दान दें, उन्हें भोजन कराएं। पूजा संपन्न होने तक व्रत का पालन करने का भी विधान है।