अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे और आतंकी उमर शेख को पाकिस्तान कोर्ट से मिली फांसी की सजा से मुक्ति

अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे और आतंकी उमर शेख को पाकिस्तान कोर्ट से मिली फांसी की सजा से मुक्ति
बायी ओर अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल दायी ओर आतंकी उमर शेख
अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे और आतंकी उमर शेख को पाकिस्तान कोर्ट से फांसी की सज़ा को काम करने का आदेश में गया है जिस से अमेरिका समेत पूरी दुनिया हैरान है हालांकि अमेरिका फैसले पर नज़रगी व्यक्त की है। डेनियल पर्ल की हत्या को 18 साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है। उमर शेख को कैद रखना पाकिस्तान का बस दुनिया लिए दिखावा था। आतंकी उमर शेख औरउसके जैसे कई आतंकी पाकिस्तान में खुले घूमते तो बस नाम के लिए जेल जाते है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की कोर्ट ने उसको महज सात साल की सजा सुनाई है। लेकिन वह 18 वर्षों से जेल में है इसलिए कुछ दिनों में उसकी रिहाई भी हो जाएगी। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए उसको दुनिया के खतरनाक आतंकियों में शुमार किया है। संपादकीय में कहा गया है कि सरकार को कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए।
जानिए कौन था डेनियल पर्ल और कैसे की गई पाकिस्तान में उनकी हत्या
डेनियल पर्ल भारत में स्थित द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो चीफ के रूप में काम कर रहे थे। ब्रिटिश नागरिक रिचर्ड रीड ("शू बॉम्बर" और अल-कायदा के बीच कथित संबंधों की जांच के लिए पाकिस्तान जाते समय उनका अपहरण कर लिया गया था।आतंकियों ने उनका अपहरण कराची से उस वक्त कर लिया था जब वो 9/11 के हमले के बाद अमेरिका द्वारा आतंक के खिलाफ छेड़ी गई जंग की रिपोर्टिंग करने और कुछ तथ्यों का पता लगाने कराची गई थे। 23 जनवरी 2002 को कराची के एक गांव के ढाबे पर उन्होंने शेख मुबारक अली गिलानी का इंटरव्यू किया था। इसी दिन शाम को करीब सात बजे मेट्रोपोल होटल के समीप उनका आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। आतंकियों ने खुद को नेशनल मूवमेंट फॉर द रेस्टोरेशन ऑफ पाकिस्तान सोवेर्गनटी का सदस्य बताया था। इस ग्रुप का आरोप था कि पर्ल पाकिस्तान में आए एक अमेरिकी जासूस हैं।आतंकियों के मुताबिक वो उनके जरिए जेलों में बंद सभी आतंकियों को छुड़वाना चाहते थे। वो चाहते थे कि पर्ल हॉटमेल के जरिए उनकी मांग अमेरिका तक पहुंचाएं। आतंकियों की मांग ये भी थी कि अमेरिका पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों की सप्लाई को रोक दे। अपने एक मैसेज में आतंकियों ने कहा था कि वो अमेरिका को उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक आखिरी मौका दे रहे हैं। अमेरिका के पास 48 घंटे शेष हैं कि वो उनकी मांग मानते हैं या नहीं। यदि ये मांग नहीं मानी गईं तो पर्ल की हत्या कर दी जाएगी। इतना ही नहीं इसके बाद कोई भी अमेरिकी पत्रकार पाकिस्तान में घुस नहीं पाएगाइस संदेश के साथ पर्ल की एक फोटो भी थी। इसमें पर्ल की आंखों पर पट्टी बंधी थी और उनके सिर पर किसी ने बंदूल रखी हुई थी। ये संदेश और पर्ल की फोटो दुनिया के सभी अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। वॉल स्ट्रीट जनरल और पर्ल की पत्नी की तरफ से आतंकियों को पर्ल की रिहाई को लेकर अपील की गई थी, लेकिन उन्होंने इस अपील को सिरे से खारिज कर दिया था। अमेरिकी खुफिया विभाग ने पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकियों का पता लगाने की भी कोशिश की थी, लेकिन इसमें उन्हें नाकामी हासिल हुई थी
21 फरवरी 2002 को आतंकियों ने पर्ल का एक वीडियो जारी किया था। ये वीडियो उनके आखिरी पलों का था जिसको आतंकियों ने The Slaughter of the Spy-Journalist नाम दिया था। इसमें पर्ल अपनी पहचान का खुलासा करते हुए खुद को जुईश बता रहे थे। उन्होंने इन आखिरी पलों में ये भी बताया था कि उनका परिवार जुडेजिम को मानता है और कई बार वो इजरायल भी जा चुके हैं। इस वीडियो में पर्ल अमेरिकी नीतियों को गलत बताते हुए दिखाई दिए थे। इस दौरान उन्होंने इस बात का भी इशारा किया था कि वो दबाव में आकर ये सबकुछ कह रहे हैं। इसके बाद उनके पीछे खड़े उमर खेश ने उनका गला धड़ से अलग कर दिया था। उनका ये वीडियो 3 मिनट 36 सेकेंड का था। आतंकियों ने इसमें अमेरिका को धमकी भी दी थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो इसी तरह अमेरिकियों की गर्दनों को धड़ से अलग करते रहेंगे।
इस घटना के नौ दिन बाद 16 मई को पर्ल का क्षत-विक्षत शरीर कराची से करीब 48 किमी दूर गडप में मिला था। उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। उनके सिर पर गहरे जख्म थे। उनके शरीर को 10 टुकड़ों में काट दिया गया था। उनकी पहचान उनकी उस जैकेट से हुई थी जो उन्होंने अपहरण के दौरान पहनी हुई थी। जिस वक्त पाकिस्तान पुलिस ने उनके शव और अन्य चीजों का पता लगाया था तो पाकिस्तान के एक फिलेनथ्रोपिस्ट अब्दुल सत्तार ईधी ने इन टुकड़ों को एकत्रित किया था। उन्होंने ही पलर्ट के क्षत विक्षत शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी दूसरी चीजों को अमेरिका भेजने में मदद की थी, जिसके बाद माउंट सिनाई मेमोरियल पार्क के कब्रिस्तान में उन्हें दफना दिया गया था मार्च 2007 में अल कायदा के ही एक सदस्य खालिद शेख मोहम्मद ने इस बात का खुलासा किया था कि उमर शेख ने ही डेनियल का सिर धड़ से अलग किया था। ये दावा उसने गुआंतानामो जेल में लगी अदालत के दौरान किया था