Coronavirus के डर से जर्मनी के वित्त मंत्री Thomas Schaefer ने की आत्महत्या

Coronavirus के डर से जर्मनी के वित्त मंत्री Thomas Schaefer ने की आत्महत्या
दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण हजारों जानें जा चुकी हैं. इसके बाद भी मौतों को सिलसिला लगातार जारी है| और इस वैश्विक महामारी ने अब विकराल रूप भी ले लिया है
कोरोना Coronavirus महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। दुनिया के अधिकांश देशों में लॉकडाउन है ऐसे में अर्थव्यवस्था को लेकर भारत के साथ साथ सभी देश काफी परेशान हैं। और ऐसे में आज जर्मनी के हेसे राज्य के वित्त मंत्री थॉमस शाफर ने कोरोना वायरस Coronavirus से देश की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान से चिंतित होकर खुदकुशी कर ली। वह इस बात से अंदर ही अंदर घुट रहे थे कि कोरोना Coronavirus से देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हो रहा है, और इस बड़ी समस्या से बाहर कैसे निकला जाए । दरसल बताया जा रहा है की इन दिनों कोरोना Coronavirus संकट के चलते जर्मनी अर्थव्यवस्था के नजरिये से बेहद ही बुरी हालत से गुजर रही है। ये खबर सच में चिंतित करने वाली है
प्रीमियर वोल्कर अपने कैबिनेट सहयोगी की मौत से बेहद दुखी हैं। बता दे शनिवार को स्केमर (54) को रेलवे ट्रैक के नजदीक मृत पाया गया था। माना जा रहा है कि उन्होंने खुदकुशी कर ली। प्रीमियर वोल्कर ने कहा,'हम बेहद हैरान हैं, हमें यकीन नहीं हो रहा है और हम बेहद बेहद दुखी है।' हेसे में फ्रैंकफर्ट मौजूद है जहां बड़े वित्तीय बैंक ड्यूस और कॉमर्जबैंक के हेडक्वॉर्टर्स मौजूद हैं।
स्केमर वोल्कर के 10 साल से वित्तीय सहयोगी थे। वह कंपनियों और कामगारों की मदद करते हुवे कोरोना वायरस Coronavirus के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से लड़ने के लिए दिनरात काम कर रहे थे
वोल्कर ने कहा,'हमें आज यह मानना पड़ेगा कि वह बेहद दुखी थे। यह निश्चित रूप से बेहद कठिन समय है जब हमें उनकी बेहद जरूरत थी।' कुछ वक्त से अनुमान लगाया जा रहा था कि वोल्कर के बाद स्केमर ही अगले प्रीमियर होते। वोल्कर की तरह स्केमर भी चांसलर ऐंगला मर्केल की सेंटर राइट सीडीयू पार्टी के सदस्य थे। आज इस घटना ने सबको हैरानी में डाल दिया है और सोचने पर मजबूर कर दिया है की विश्व कितने बड़े संकट में है | बड़ी बात ये की जब विकसित देशो की अर्थव्यवस्था Coronavirus की वजह से इतनी ख़राब हो सकती हैं तो सोचिए जो अभी पूर्ण रूप से अभी विकसित नहीं हुवे है उन देशो में क्या होगा |