केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने पर लगी रोक
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है| सरकार के इस फैसले का असर 54 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा |

वहीं इससे सरकार को 14000 करोड़ रुपए की बचत होगी। वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और केंद्रीय सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते की देय किस्त 1 जनवरी 2020 से नहीं दी जाएगी। एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने मार्च के महीने में 4% DA बढ़ाने की मंजू्री दी थी | डीए में 4% की बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 17 फीसदी से 21 फीसदी किया गया था| लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गयी है| अब 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढ़ने वाला DA नहीं मिलेगा| जो DA रोका जा रहा है उसका एरियर के तौर पर भुगतान भी नहीं होगा|
फैसला क्यों लिया गया वापिस-
कोविड -19 लॉकडाउन की वजह से सरकार के टैक्स राजस्व में गिरावट आई है, जबकि कमजोर तबकों को आर्थिक मदद देने के कारण खर्चों में वृद्धि हुई है। जिसकी वजह से सरकारी राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है| सरकार के इस फैसले से करीब 49.26 लाख सरकारी कर्मचारियों और 61.17 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे।
क्यों दिया जाता है महंगाई भत्ता-
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो देश के सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है| ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में दिक्कत न हो| ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है| पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही ऐसे देश हैं, जिनके सरकारी कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है| कोरोना के कारण सरकारी कर्मचारियों के सामने आए आर्थिक संकट को देखते हुए डीए बढ़ाने का फैसला लिया गया था, लेकिन सरकार पर पढ़ रहे राजस्व के बोझ को देखते हुए इसे वापिस ले लिया गया|