निर्णय लेने की क्षमता: सफलता की कुंजी | श्री ऑरोबिंदो सोसायटी, पुद्दुचेरी एवं आर्य महिला पी जी कॉलेज
सफलता की प्राप्ति में निर्णय लेने की क्षमता का योगदान | आज का मुश्किल समय: सही निर्णय की भूमिका |

दिनांक 24 जुलाई 2020 को शाम 7 से 8 बजे ऑरोयुथ विंग, श्री ऑरोबिंदो सोसायटी, पुद्दुचेरी एवं आर्य महिला पी जी कॉलेज के सयुंक्त तत्वावधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला " एक नयी सुबह की ओर" के पांचवे दिन सौरव चित्तोराज, ऑरोयूथ कोऑर्डिनेटर, श्री ऑरोबिंदो सोसाइटी, पश्चिम बंगाल ने
"निर्णय लेने की क्षमता : सफलता की कुंजी" विषय पर अपना वक्तव्य दिया।
उनका कहना था कि हर दिन हम बहुत सारे निर्णय लेते हैं। हमें प्रतिदिन अपने घर में एवं कार्यक्षेत्र में कई प्रकार के निर्णय लेने होते हैं। हमारे द्वारा लिया गया हर निर्णय हमारी योग्यता का माप दंड बन जाता है। अगर हम सही निर्णय सही समय पर नहीं ले पाते हैं तो हमको जीवन में निराशा एवं असफलता का सामना करना पड़ता है। आज के व्याख्यान में वह उपाय बताए गए तरीके समझाएं गए जिससे युवा सही और समय पर निर्णय ले सके। उनका कहना था कि ज़्यादातर जो निर्णय हम करते है वो अपने माइंड के उपयोग से करते हैं पर माइंड के कुछ खामियों के कारण; जैसे कि अह्मकर, संकीर्ण दृष्टिकोण इत्यादि; हम हमेशा सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। मानसिक स्तर की बाधाओं को दूर करके सही निर्णय लेने के लिए हमें ३ चीज़ों का ध्यान रखना है,१. सारे विकल्पों को समान रूप से विश्लेषण करना २. कोई भी विकल्प को हावी ना होने देना ३. ऐसा विकल्प का चयन करना जो ज़्यादा से ज़्यादा रचनात्मक हो और कम से कम हानिकारक हो। हमारी जागृत चैत्य सत्ता हमारे निर्णय लेने की क्षमता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इस पर भी चर्चा की।
पलक दूबे ने कार्यक्रम का संचालन किया। तकनीकी सहयोग श्रीनिवास मुलुगु एवं हर्षिता, हैदराबाद ने दिया। कार्यक्रम संयोजन डॉ. दीपिका बरनवाल ने किया। कार्यक्रम में डॉ शशिकांत दीक्षित, प्रो रचना दूबे, प्रो अखिलेश कुमार, डॉ बृजबाला सिंह, डॉ बिंदु लाहिड़ी, डॉ बंदना बाल चंदनानी, डॉ ऋचा मिश्रा, डॉ रंजना मालवीय, डॉ अनामिका, डॉ स्वप्ना ऑनलाइन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 300 प्रतिभागी शामिल थे।
सधन्यवाद
कार्यक्रम संयोजक
डाॅ दीपिका बरनवाल